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श्रीमद्वाग्भटविरचितं नेमिनिर्वाणम् : एक अध्ययन
नेमिनिर्वाण कालीन समाज में अनुरूप वर को कन्या देने का सामान्य नियम था । विवाह का उत्तरदायित्व पिता अथवा बड़े भाई पर होता था । एक व्यक्ति अनेक विवाह कर सकता था । नेमिनाथ के चेचेरे भाई श्रीकृष्ण के बहुत सी रानियाँ थी । स्पष्ट है कि बहु विवाह प्रथा उस समय समादृत थी । निर्वाण में मि के विवाह के लिए कृष्ण राजा उग्रसेन की कन्या को मागने के लिए गये । इससे स्पष्ट होता है कि पुत्र के लिए कन्या के पिता से याचना करने की प्रथा उन दिनों थी । विवाह के लिए सबसे पहले लग्न और मुहूर्त निकलवाया जाता था। शुभ मुहूर्त में विवाह किया जाता था। बारात वरपक्ष से वधूपक्ष की ओर जाती थी । विवाह के लिए सबसे पहले मंडप बनाया जाता था । वर एवं वधू को मंगल स्नान कराया जाता था, विभिन्न प्रकार के आभूषण व वस्त्र धारण कराए जाते थे, मंगलवाद्य ध्वनि होती थी । कन्या को वरपक्ष वाले दिव्य वस्त्र आभूषण, सुगन्धित द्रव्यों से अलंकृत करते थे । हृदय पर मोतियों के हार, नाक में मोती, आँख में अंजन, रतन कुंडल इस प्रकार बहुत से आभूषणों और सुन्दर वस्त्रों से कन्या को सजाया जाता था।"
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इसी प्रकार वर को भी हृदय पर स्वच्छ हार, रत्न कंकण, कानों में सुंदर रत्नकुंडल नासिका के ऊपर चन्दन का तिलक, सिर पर सुन्दर छत्र चूड़ामणि सजायी जाती थी । शरीर पर अंगराग तथा सुंदर वस्त्र धारण कराए जाते थे। इस प्रकार सजे हुए वर का वधू पक्ष में आगमन होता था ।
भोजनपान :
भोजन और पान के द्वारा शरीर पुष्ट तो होता ही है साथ ही साथ मस्तिष्क का भी विकास होता है । जैसा भोजन होता है वैसे ही हमारे विचार और क्रियाकलाप हो जाते हैं । सात्त्विक भोजन करने वालों के सात्त्विक विचार या अहिंसकता की भावना, इसके विपरीत तामसिक भोजन करने वालों की तामसी तथा हिंसक भावना । इसलिए भोजनपान की शुद्धता परम आवश्यक है। भोजन कई प्रकार का होता है जैसे अन्नाहार, फलाहार तथा मांसाहार । नेमिनिर्वाण कालीन समाज में अहिंसक होने के साथ-साथ मांसाहार का उल्लेख भी मिलता है । अन्नाहार में क्षीर, गोरस, शस्य, लाज, क्षत", आदि हैं । मांसाहार का उल्लेख त्रयोदश सर्ग में भगवान् नेमिनाथ के विवाहोपलक्ष्य में राजाओं को खिलाने के लिए किया गया।२ पेय पदार्थों में मादक द्रव्य हाला ३, मदिरा ४, मधु९५, मद्य६, आदि का उल्लेख है। फलाहारों में नारियल, केला, आम आदि का वर्णन हुआ है ।
१. नेमिनिर्वाण, ११/१०
४. वही, १२/३३
७. वही, १ / ६९
१०. वही, १२/१७
१३. वही, १ / ६४
१५. वही, ६/५०, १०/३, १०/४
२. वही, ११ / ५६
५. वही, १२ / ३५-३८
८. वही, ३/१८
१९. वही, १२/७०
१४. वही, ६/२३
१६. वही, १० / ७, ८, १०
३. वही, १२/१
६. वही, १२ / २-८
९. वही, ८ /६१
१२. वही, १३/४