Book Title: Jinvani Special issue on Acharya Hastimalji Vyaktitva evam Krutitva Visheshank 1992
Author(s): Narendra Bhanavat, Shanta Bhanavat
Publisher: Samyag Gyan Pracharak Mandal
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दीर्घप्रज्ञ प्राचार्य श्री
श्री श्रीचन्द सुराना 'सरस'
भगवान महावीर के विशेषणों में एक बहुत ही सार्थक विशेषरण हैदीह पन्ने - दीर्घ प्रज्ञ | महाप्रज्ञ और सूक्ष्म प्रज्ञ विशेषण जहाँ किसी वस्तु तत्त्व को गम्भीरता से समझने की शक्ति का सूचन करते हैं, वहाँ दीर्घ प्रज्ञ विशेषणभविष्य की, बहुत दूर की सोच के संकेत हैं । महामति चाणक्य ने कहा है'दीर्घा बुद्धिमतो बाहू' बुद्धिमान की भुजाएँ बहुत लम्बी होती हैं । वह अपने स्थान पर बैठा हुआ बहुत लम्बी दूर तक भविष्य में आने वाली बाधाओं को भाँप लेता है, और पानी आने से पहले ही पाल बाँध देता है ।
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दीर्घ प्रज्ञ, अर्थात् दीर्घद्रष्टा, जिसे हम भविष्य-द्रष्टा भी कह सकते हैं, यह मानवीय चेतना का एक ऐसा विशिष्ट गुण है जो बहुत कम व्यक्तियों में विकसित हो पाता है । जिसमें विकसित हुआ, उन्होंने अपनी दीर्घ - दृष्टि से व्यक्ति को, देश को, राष्ट्र को, मानव जाति को आने वाले विघ्नों व आपदाओं से बचाया है । उन पत्तियों के प्रतीकार, प्रतिरोध का उपाय भी बताया, साथ ही विकास के दीर्घ परिणामी सूत्र भी दिये ।
स्व. आचार्य श्री हस्तीमलजी महाराज के व्यक्तित्व में जहाँ अनेक विशिष्ट गुण थे, वहाँ उनके व्यक्तित्व को सफल नेतृत्व में परिणत करने वाला — दीर्घ द्रष्टा गुण भी देखने को मिला। उनकी दीर्घ दृष्टि ने निश्चय ही जिन शासन की गरिमा में चार चाँद लगाये हैं ।
अनेक बार जब-जब आचार्य श्री से वार्त्तालाप का प्रसंग आया, विचार चर्चा हुई, हर प्रसंग पर उनके चिन्तन में, उनकी योजनाओं में दीर्घ दृष्टि की गहरी झलक मिलती थी। मैं विविध प्रसंगों की चर्चा नहीं करके, 'जैन धर्म के मौलिक इतिहास' का निर्माण और सामायिक - स्वाध्याय अभियान की चर्चा करूंगा, जो प्राचार्य श्री के अमर कीर्ति स्तम्भ बनकर आने वाली पीढ़ी को दिशाबोध देते रहेंगे ।
'जैन धर्म के मौलिक इतिहास' के चार भागों का निर्माण उनकी दीर्घ प्रज्ञता का एक सूक्ष्म प्रमाण है । अतीत की परतों को उघाड़कर सत्य का अनुसंधान करना - इतिहासविद् का कार्य है । परन्तु इस प्रकार के इतिहास-लेखन / सृजन का संकल्प आने वाली पीढ़ियों को अपनी मौलिक विरासत सौंपने की दीर्घ दृष्टि के बिना सम्भव नहीं था । द्वितीय भाग का प्रकाशन होने के बाद एक
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