________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
प्रवचन-२६
सभा में से : ऐसी बातें करें तो घरवाले 'मेन्टल हॉस्पिटल' में भिजवा दें! महाराजश्री : इसका अर्थ यह होता है कि ऐसी बातें आज दिन तक आपने अपने घर में चलायी नहीं हैं! सच्ची बात है न? तो क्या घर में गृहस्थजीवन की ही बातें चलती रहती हैं? साधुधर्म की बातें करने में भी घबराते हो? या तो साधुधर्म की बातें शुष्क लगती होंगी? आप लोगों के घर-घर में साधुधर्म की बातें चलती ही रहनी चाहिए। अब शुरू कर दोगे न? ग्रंथकार ने, धर्म करनेवालों की अपेक्षा से दो प्रकार का धर्म बताया है :
गृहस्थधर्म और साधुधर्म | ग्रंथकार पहले गृहस्थधर्म के प्रकार एवं स्वरूप बतायेंगे, बाद में साधुधर्म के प्रकार एवं स्वरूप बतायेंगे।
आज, बस इतना ही।
For Private And Personal Use Only