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प्रवचन-४०
___१८५ और सोदास नरभक्षी हो गया :
अयोध्या का राजा नरभक्षी बन गया! किसने बनाया नरभक्षी? मांसभक्षण की बुरी आदत ने! कई बरसों तक वह भटकता रहा....मांस-भक्षण करता रहा...अनेक संकट और उपद्रवों में फँसता रहा। आप लोग सोचें.... सोदास के पतन को कल्पना की आँखों से देखो....उसने क्या नहीं खोया? राज्य, रानी, पुत्र परिवार से बिछड़ गया....सत्ता-संपत्ति चली गई....मान-सम्मान चला गया....क्या रहा उसके पास? अतृप्ति की आग सुलगती रही उसके हृदय में। अनेक निर्दोष बच्चों की क्रूर निर्मम हत्या करता रहा....पापों से आत्मा को मलीन बनाता रहा....|
बाद में उसका भाग्योदय हुआ और अचानक सद्गुरु का योग मिल गया, मांसाहार का त्याग कर दिया, यह तो सोदास की बात है, सभी को इस प्रकार सद्गुरु का योग मिलता नहीं और उत्थान होता नहीं। सद्गुरु का योग मिलने पर भी सभी को आत्मज्ञान होना निश्चित नहीं! कई ऐसे जीव होते हैं कि सद्गुरु मिलने पर भी उनकी ज्ञानदृष्टि नहीं खुलती है, उस मार्ग से वापस नहीं लौट सकते हैं। भगवान महावीर देव के समय में 'कालसौकरिक' नाम का कसाई हो गया। प्रतिदिन ५०० भैसों की हत्या करता था। राजा श्रेणिक ने बहुत समझाया तो भी उसने हिंसा का त्याग नहीं किया। जब एक दिन कुए में कालसौकरिक को लटकाया गया, तो वहाँ कुए की भिति पर कल्पना से भैंसों के चित्र बनाकर काटने लगा! उसका समग्र जीवन वैसा ही हिंसापूर्ण व्यतीत हुआ। अहिंसक-शाकाहारी अंडे का भ्रम :
अंडे और मछली का व्यापक प्रचार भारत सरकार के द्वारा हो रहा है। क्या पता.... लोगों को अंडे खाने वाले बनाकर सरकार क्या चाहती है। मांसाहार-त्यागी प्रजा को मांसाहारी बनाने के इतने सारे प्रयत्न क्यों हो रहे हैं? 'अहिंसक अंडे' के नाम पर अंडे का प्रचार अहिंसक प्रजा में शिक्षा के माध्यम से हो रहा है। ___ भौतिक....शारीरिक लाभों को बताकर मांसाहार करने प्रजा को उत्साहित किया जाता है। धान्य से और वनस्पति से मांस में ज्यादा 'विटामिन्स' बताये जाते हैं जो कि सर्वथा असत्य है। मांस से ज्यादा विटामिन्स धान्यों में पाये जाते हैं, वनस्पति में पाये जाते हैं। मांसाहारी की शारीरिक शक्ति से मांसाहारीत्यागी
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