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प्रवचन-४७ सदाचारी होना किसको है? :
ऐसे स्थानों में जाना आना आजकल फैशन माना जाता है! बड़े शहरों में तो कोई संकोच ही नहीं रहा है। पुरुष का परस्त्री के साथ, स्त्री का परपुरुष के साथ संबंध बढ़ता जा रहा है। इसके पारिवारिक सामाजिक और राष्ट्रीय परिणाम कैसे आ रहे हैं, यह जानते हो? परिवार छिन्नभिन्न हो रहे हैं। समाज जैसा कुछ रहा ही नहीं है! राष्ट्रीय चरित्र की शान नष्ट हो रही है। शान का माध्यम सदाचार नहीं रहा है, शान के माध्यम अर्थ और काम बन गये हैं। अमरीका की राष्ट्रीय शान किस बात पर निर्भर है? सदाचार पर? नहीं, उसकी श्रीमन्ताई पर उसकी शान है दुनिया में | भारत को भारत नहीं रहने देना है, भारत को अमरीका बनाना है! भारत को 'फ्रान्स' बनाना है, भारत को 'रशिया' बनाना है! भारतीय संस्कृति शीघ्र गति से नष्ट होती जा रही है। सीता और दमयंती के सतीत्त्व की कथाएँ मात्र सुनने का विषय बन गई हैं। किस नारी को सीता बनना है? किस नारी को दमयंती बनना है? किस पुरुष
को सदाचारी सुदर्शन श्रेष्ठि बनना है? ___ परायें पुरुषों के साथ, परायी महिलाओं के साथ इस तरह संबंध घनिष्ट बनते जा रहे हैं, कि कामवृत्ति पर संयम पाना अति मुश्किल बन गया है। इस बुराई से जो घर, जो स्त्री, जो पुरूष बचा हो, वह धन्यवाद का पात्र है। वह अभिनन्दनीय-प्रशंसनीय है!
गृहस्थ जीवन की भूमिका पर कामनिग्रह का अर्थ इतना ही होता है कि परस्त्री का त्याग करना और परपुरुष का त्याग करना । पुरुष को परस्त्री का संसर्ग नहीं रखना है। मुंज और मृणाल की इतिहास-कथा : __जो पुरुष परस्त्री का संग करता है वह अनेक आपत्तियों को मोल लेता है। मालवपति मुंज का नाश इसी कारण हुआ था। जब तैलप ने मुंज को अपने कारावास में डाला था, मुंज तैलप की बहन मृणाल के संपर्क में आया था। मृणाल मुंज के लिए भोजन लेकर प्रतिदिन मुंज के पास आया करती थी। मुंज और मृणाल का प्रेमसंबंध कारावास में स्थापित हुआ। कामवासना कितनी प्रबल होती है! शत्रु के घर में शत्रु की बहन के साथ प्रेम संबंध बांध लिया मुंज ने! मुंज राजा बुद्धिमान था, ज्ञानी था, परन्तु कामवासना ने मुंज को विवेकहीन बना दिया! एक अनजान नारी के साथ मुंज ने प्रेम कर लिया!
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