Book Title: Dhammam Sarnam Pavajjami Part 2
Author(s): Bhadraguptasuri
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba

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Page 284
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रवचन-४७ २७६ तुम युद्ध करो आन्तरिक शत्रुओं से। जब तुम्हें विजय प्राप्त होगी तुम पूर्णता पा लोगे। पिता की बात पुत्रों के हृदय में उतर गई। सभी....९८ पुत्रों के मन में बात अँच गई। उन्होंने उसी समय भगवान ऋषभदेव के चरणों में जीवन समर्पण कर दिया । आन्तरिक शत्रुओं से युद्ध करना शुरू कर दिया । युद्ध का मैदान था श्रमण जीवन । श्रमण जीवन में सरलता से आन्तरिकशत्रु पर विजय पायी जा सकती है। क्रोध पर तो विजय पा ही ली थी। उनके हृदय में अब भरत के प्रति कोई शत्रु-भाव नहीं रहा। किसी जीव के प्रति शत्रुभाव नहीं रहा। दर्शन-श्रवण-वाचन में सावधान-सजग रहें : __ कल मैंने आपको बतायी थी काम-शत्रु पर विजय प्राप्त करने की बात | यदि कामवासना पर विजय पाना है तो तीन बातों में काफी सावधानी बरतनी होगी। पहली सावधानी दर्शन में रखनी होगी। देखने में सावधानी! कामवासना उत्तेजित हो वैसे द्रश्य मत देखो। सिनेमा तो देखना ही नहीं। सिनेमा का मनोरंजन छोड़ना होगा। असंख्य मानसिक विकृतियाँ पैदा होती हैं सिनेमा देखने से। दूसरी सावधानी रखने की है श्रवण में। ऐसी बातें, ऐसे गीत और ऐसे वार्तालाप मत सुनो कि जिस से कामवासना उत्तेजित होती हो, जिससे मनोविकार पैदा होते हों। रेडियो पर ज्यादातर गंदे गीत 'रिले' होते हैं न? मत सुनो। मित्रों में वैसी ही निम्नस्तर की कुत्सित बातें होती रहती है न? मत सुनो। युवान लड़के-लड़कियों के वार्तालाप भी ज्यादातर 'सेक्सी' होते हैं न? मत सुनो। यदि कामशत्रु पर विजय पानी है तो ऐसा सब सुनना बंद करना होगा। है न तैयारी? तीसरी बात है पढ़ने की। ऐसे अखबार, ऐसे पत्र, ऐसी पुस्तकें मत पढ़ो, कि जिसके पढ़ने से आपकी कामवासना प्रज्वलित होती हो। आजकल तो ऐसा साहित्य बहुत छपता है....लोग ज्यादा पढ़ते हैं....यदि आपको कामविजय पानी है कामवासना को संयम में रखना है.... तो ऐसा गंदा साहित्य कभी भी मत पढ़ो। इन तीन बातों के अलावा दूसरी भी कुछ सावधानियाँ बरतनी होंगी। खानेपीने में सावधान रहना | फैशन और मौजमजा के लिए आजकल अपने समाज के लोग भी अभक्ष्य खाने लगे हैं और अपेय पीने लगे हैं। अभक्ष्य खाने से और अपेय का पान करने से कामवासना प्रबल होती ही है। अंडे खानेवाले, For Private And Personal Use Only

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