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प्रवचन-४४ मैंने पूछा : आपका शरीर नीरोगी है न?
उसने कहा : 'हाँ, मेरा शरीर बिल्कुल नीरोगी है, कई वर्षों से मैंने दवाई नहीं ली है। ___ मैंने कहा : तो, एक बात लिख लो-मेरा शरीर स्वस्थ है। अब बताइये कि आपकी पत्नी है? कैसी है?
उसने कहा : मेरी शादी हुए पच्चीस वर्ष हो गये, मेरी पत्नी मेरे साथ है और उसने मुझे कहा है कि मैं कभी भी किसी भी हालत में आपको छोड़ के नहीं जाऊँगी।'
मैंने कहा : तो दूसरी बात लिखो : मेरी पत्नी मेरे साथ है। अब यह बतायें कि आप के संतान हैं? कितने हैं? कैसे हैं?
उसने बताया : मेरे तीन सन्तान हैं, दो लड़के और एक लड़की, तीनों अच्छे हैं ओर मेरे प्रति स्नेह रखते हैं!'
मैंने कहा : तो तीसरी यह बात लिखो : 'मेरे बच्चे मेरे साथ हैं।' अब यह बताओ कि आप के कोई मित्र हैं? कैसे हैं?
उसने कहा : मेरे कुछ मित्र हैं और अच्छे हैं। जब मेरी सम्पत्ति चली गई, तब वे मेरे पास आये थे और मुझे मदद करने की तत्परता बताई थी...।' ___मैंने कहा : तो, यह चौथी बात लिखो : मेरे मित्र मेरे साथ हैं।' अब यह बताओ कि रहने के लिए घर और बाजार में दुकान है या नहीं?
उसने तुरंत कहा : 'हाँ हाँ, घर मेरा अपना है और दुकान है किराये की।' मैंने कहा : तो, लिखो पाँचवी बात : 'मेरे पास घर और दुकान है! अब यह कहो कि 'व्यवसाय करने की बुद्धि है या नहीं?'
उसने कहा : 'अवश्य! मैं दो-तीन तरह के व्यवसाय कर सकता हूँ!'
मैंने कहा : तो, लिखो छछी बात : 'मेरे पास बुद्धि है!' अब कहो, कि परमात्मा के प्रति श्रद्धा है या नहीं?' ___ उसने कहा : 'रियली, आइ बिलीव इन गॉड' मैं सच कहता हूँ, मेरी श्रद्धा है परमात्मा में! ___ मैंने कहा : तो, लिखो सातवीं बात : 'मुझे परमात्मा में श्रद्धा है।' अब आपके पास क्या-क्या है, उसका 'करन्ट लिस्ट' पढ़ो :
१. मेरा शरीर नीरोगी है।
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