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श्रीमान् राजेन्द्रसिंह जीके विवाह सम्बन्धका प्रस्ताव
सिंघीजीको हृदयकी बिमारी
मेरा पुन: बम्बई निवास और भारतीय विद्याभवनकी स्थापना ग्रन्थमाला के स्टॉकको कलकत्तेसे हटानेका निर्णय
स्वास्थ्य की शिथिलता
भारतीय विद्याभवनके साथ ग्रन्थमाला संलग्न कर देनेका विचार मेरा सिंघीजी से अजीमगंज मिलने जाना अजीमगंज में किया गया ग्रन्थमालाका भावी निर्णय
जेसलमेर के ज्ञान भण्डारोंका अवलोकन करने जाना जेसलमेर नरेशका अपूर्व सद्भाव
जेसलमेर जानेकी सिंघीजीको खबर मिलना
मेरा जेसलमेरका निवास
जेसलमेर के ग्रन्थोंकी रक्षाकेलिये सिंघीजीकी उदारता
जेसलमेर से प्रस्थान
मेरा तत्काल बम्बई जाना और सिंघीजीका भी वहां आ पहुंचना
सिंघीजीका हाथका लिखा हुआ अन्तिम पत्र
भवनके लिये लाईब्रेरी लेनेको मेरा कलकत्ते जाना
सिंघीजी के स्वास्थ्यका बिगडना
सिंघीजी से मेरी अन्तिम भेंट
सिंघीजीका स्वर्गवास
समाप्ति
सिंघीजीकी सत्संतति और उनके सरकार्य सिंघीजीकी लिखी हुई एक योजना
पण्डितवर्य श्रीसुखलालजी लिखित संस्मरणोंका अनुक्रम
बीजमेंसे वटवृक्ष सिंधीजीकी शिक्षा
धर्म और तत्त्वज्ञानकी शिक्षा
श्रद्धा और तर्कका सुमेल सिंघीजीकी सुधारक वृत्ति योगाभ्यास
सौष्ठवदृष्टि और कलावृत्ति मातृ-पितृभक्ति
सिंघीजीका दरबार
अतिनम्र दानशीलता
अन्तिम इच्छा और अन्तिम मुलाकात सिंघीजीका सर्वतोमुखी विद्यानुराग उपसंहार
सिंघीजी के जीवन के कुछ स्मारक संवत्सर
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