Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapati Sutra Part 03 Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र
[१२ प्र.] भगवन् ! मध्य में होकर जाने वाला देव, शस्त्र का प्रहार करके जा सकता है या बिना प्रहार किये ही जा सकता है ?
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[१२ उ.] गौतम ! वह शस्त्राक्रमण करके जा सकता है, बिना शस्त्राक्रमण किये नहीं जा सकता ।
१३. से णं भंते ! किं पुव्विं सत्थेणं अक्कमित्ता पच्छा वीयीवएज्जा, पुव्विं वीयीवतित्ता पच्छा सत्थेणं अक्कमेज्जा ?
एवं एएणं अभिलावेणं जहा दसमसए आतिड्डीउद्देसए (स० १० उ० ३ सु० ६ - १७) तहेव निरवसेसं चत्तारि दंडगा भाणियव्वा जाव महिड्डीया वेमाणिणी अप्पिड्डियाए वेमाणिणीए ।
[१३ प्र.] भगवन् ! वह देव, पहले शस्त्र का आक्रमण करके पीछे जाता है, अथवा पहले जा कर तत्पश्चात् शस्त्र से आक्रमण करता है ?
[१३ उ.] गौतम ! पहले शस्त्र का प्रहार करके फिर जाता है, किन्तु पहले जाकर फिर शस्त्र - प्रहार करता है, ऐसा नहीं होता। इस प्रकार अभिलाप द्वारा दशवें शतक के (तीसरे) 'आइड्डिय' उद्देशक (सू. ६ से १७ तक) के अनुसार समग्र रूप से चारों दण्डक; यावत् महाऋद्धि वाली वैमानिक देवी, अल्पऋद्धि वाली वैमानिक देवी के मध्य में से होकर जा (निकल) सकती है, (यहाँ) तक कहना चाहिए।
विवेचन—चार दण्डक, तीन आलापक और निष्कर्ष — प्रस्तुत चार सूत्रों (सू. १० से १३ तक) में चार दण्डकों में प्रत्येक में तीन-तीन आलापक कहे गए हैं। चार दण्डक—ये हैं— (१) देव और देव, (२) देव और देवी (३) देवी और देव और (४) देवी और देवी।' इन चारों दण्डकों के प्रत्येक के तीन आलापक यों हैं— (१) अल्पर्द्धिक और महर्द्धिक, प्रथम आलापक, (२) समर्द्धिक और असमर्द्धिक, द्वितीय आलापक तथा (३) महर्द्धिक और अल्पर्द्धिक तृतीय आलापक; जो मूलपाठ में साक्षात् नहीं कहा गया है, उसके लिए दशवें शतक का अतिदेश किया गया है। द्वितीय आलापक के अन्त में सूत्रांश इस प्रकार कहना चाहिए" पहले शस्त्र द्वारा आक्रमण करके पीछे जाता है, किन्तु पहले जाकर बाद में शस्त्र द्वारा आक्रमण नहीं करता।"
तृतीय आलापक का कथन इस प्रकार
[प्र.] भगवन् ! महर्द्धिक देव, अल्पर्द्धिक देव के मध्य में हो कर जा सकता है ?
[उ.] हाँ, गौतम ! जा सकता है।
[प्र.] भगवन् ! महर्द्धिक देव शस्त्राक्रमण करके जा सकता है या शस्त्राक्रमण किये बिना ही जा सकता है ?
[3.] गौतम ! शस्त्राक्रमण करके भी जा सकता है और शस्त्राक्रमण किये बिना भी जा सकता है।
[प्र.] भगवन् ! पहले शस्त्राक्रमण करके पीछे जाता है या पहले जाकर बाद में शस्त्राक्रमण करता है ? [उ.] गौतम ! वह पहले शस्त्राक्रमण करके पीछे भी जा सकता है अथवा पहले जा कर बाद में भी १. भगवती. अ. वृत्ति, पत्र ६३७