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स्मरण कला १७
स्थिति मे मि लेडन ने अपनी स्मृति के आधार पर समग्र विधान लिखाया। जो कि उसने अपना देश छोड़ने से पहले मात्र एक बार पढा था । एक वर्ष बाद विलायत से विधान की प्रति आई तब देखा गया कि वह विधान अक्षरश: ठीक है (प्रमाणित हुआ )।
बेन जेन्सन, डेज्ञ फ्रेइटस्, लीवनीट्ज, पास्कल, स्केलीजर्स, हेमील्टन, नोबुहर, मेकीन्टोश, उग्लास स्टुअर्ट ग्रोशीप्रस, युलर, डीन मेन्सेल आदि पुरुष अपनी अद्भुत स्मृति के लिए सुप्रसिद्ध है।
केरो के विश्वविद्यालय मे सम्पूर्ण कुरान शरीफ को कंठस्थ रखने वाले अनेक विद्यार्थियों के नाम उज्ज्वल अक्षरों मे अंकित है। चीन के विद्यार्थी भी अपने खास ग्रन्थो को अक्षरश: याद रखने वाले सिद्ध हए है।
' तात्पर्य यह है कि ससार में समय-समय पर अद्भुत स्मृति वाले पुरुष पैदा होते रहे है और आज भी पैदा हो रहे हैं, पर उनकी संख्या-बहुत विरल है. .
. इन उदाहरणों से यह बात सिद्ध होती है कि स्मरण शक्ति की वास्तविक शक्ति अगाध है। कितनेक मनुष्यो को पूर्व-जन्म की बाते भी याद आ जाती है, और वे एक या दो को नही, पर 'अनेक जन्मो की । वर्तमान पत्र-पत्रिकाओ मे उद्ध त अनेक घटनाप्रो ने इस बात को पुष्ट किया है। . . . ' , मैं मानता हूँ कि ये 'उत्तर तुम्हारी स्मरण शक्ति को सुधारने की प्रतिज्ञा मे प्रेरक सिद्ध होगे।
मगलाकाक्षी
धी.
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मनन १६ स्मरण शक्ति के प्रकार अतिमद, मद, विभागीय मद, तीव्र और तीव्रतम (अद्भुत) । स्मरण शक्ति की वास्तविक क्षमता अगाध है ।