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, ,पत्र छठा
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, . ' , एकाग्रता के उपाय
प्रिय बन्धु ।
तुम्हारा पत्र मिला । अक्षर पहले की अपेक्षा सुधरे है । विचार भी काफी व्यवस्थित बने हैं और प्रश्न अपने ठीक लक्ष्य को पकड़ रहे हैं। इसलिए तुम प्रगति के पथ पर हो, यह निश्चित है । पूछे हुए प्रश्नो के उत्तर निम्नलिखित है- । । ।
प्रश्न- एकाग्रता का स्मरण शक्ति के साथ क्या सम्बन्ध है ? -- उत्तर- एकाग्रता का स्मरण शक्ति के साथ घनिष्ठ सम्बन्ध है । जैसे आन्दोलित पानो पर गिरने वाला चन्द्रमा का प्रतिबिम्ब अस्थिर होता है। जैसे चचल चित्रपट पर गिरने वाला चित्र स्पष्ट दिखाई नही पड़ता है। जैसे निरन्तर हिलते फलक-(पाटिये) पर अभीष्टं अक्षर उकेरे (अकिंत.) नहीं जा सकते, वैसे ही आन्दोलायमान मन पर सस्कार स्पष्ट नही जम पाते। इस कारण उनका चाहे जैसे, (चाहे उसे उस प्रकार से) स्मरण नही हो सकता । विद्यालय में पढ़ते समय विषय गणित का चलता हो और विचार क्रिकेट या पतग के चलते हो, उस विद्यार्थी को यदि शिक्षक पूछ बैठे कि तुमने इस उदाहरण का भाव ठीक-ठीक समझा या नही, तो वह उन्हे क्या उत्तर देगा? शिक्षक बोल रहा था, सरस पद्धति से समझा रहा था और ब्लेक बोर्ड पर लिख - भी रहा था; परन्तु उन विद्याथियो का मन उनको किसी भी बात पर एकाग्र नहीं था, इस लिये वे कुछ भी याद नही रख सके ।
प्रश्न-एकाग्रता प्राप्ति के लिये क्या करना चाहिये ?
उत्तर-एकाग्रता को साधने के लिए अनुभवी पुरुषो ने अनेक उपाय बताये हैं, उनमे एक उपाय' यह है कि जिस विषय पर एकाग्रता करनी हो, उसे केन्द्र मे स्थिर करना चाहिये और उसका विचार