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१२२ स्मरण कला
खण्ड तीसरा
खण्ड चौथा
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अब यदि ये १०० चित्र बराबर याद होगे तो इनके द्वारा चाहे जैसी व्युत्क्रम स्थित वस्तुप्रो को भी व्यवस्थित रूप से धारण कर सकोगे। जैसे कि तुमने १० वस्तुएं देखी, १० के नाम सुने, १० सख्या के टुकड़े सुने और १० वस्तुप्रो का स्पर्श किया, तो १ से १० तक के चित्र दृष्ट वस्तुओं के लिए, ११ से २० तक के चित्र सुने नामो के लिए २१ से ३० तक चित्र संख्या के लिए, ३१ से ४० तक के चित्र स्पृष्ट वस्तुयो के लिए काम आ जाएंगे।
(१) मामो कि दृष्ट १० वस्तुएँ निम्नोक्त है-- टेबुल, चमच, पूतली, प्याला, खिलौना, थाली, फानूस, लाठी, पाट, खाट ।
तो उन्हे नीचे के क्रम से जोडो। १. धान्य का ढेर-टेबुल-धान्य के ढेर के पास से टेवुल उठा
दी गई है। २. करोत-चमच-दो चमंचों की छापवाली करोत पडी है। ३. आग की लपटे-पूतली। आग की लपटो से पूतली पिघल
४. बकरा-प्याला-बकरा प्याले में पानी पी रहा है। ५. पानी का प्रवाह-खिलौना-पानी के प्रवाह मे खिलौने तैर
६ आम--थाली-थाली में पाम रखे हुये है। ७. यवो का छावडी-फानूस-यवो के छावडे पर फानूस रखा
हुया है।