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१२४ १ स्मरण कला
(४) स्पृष्ट वस्तुओं मे किसका स्पर्श हुआ यह स्पर्श के समय में ही समझ लेना चाहिए। फिर तो वे भी १ से १० तक की वस्तुप्रो के समान एक प्रकार की वस्तुएं ही है। इसलिए उसी रीति से ही चित्रों के साथ सयोजित करना चाहिए।
किसी भी प्रकार के व्युत्क्रम को सिद्ध करने में इन चित्रो का उपयोग हो सकता है। तुम स्वय इन साधनो का बुद्धिपूर्वक उपयोग करना।
मगलाकाक्षी
धी०
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मनन
३१ से १०० तक अंक के चित्र, चित्रो का निर्माण, उनके द्वारा पृथक्-पृथक् विषयो को कैसे याद रखना उनको समझ ।