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स्मरण कला १३३
९०२२४१९९ का मूल ३९ है. इसलिए कि वह ३९४ ३९४ ३९४३९ ४ ३९ का परिणाम है। -
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__इस प्रकार १०० तक की सख्या का मूल मात्र सख्या सुनकर बताया जा सकता है। तो वह कैसे बन सके ? उसके लिए पहले तो १ से १०० तक का गुणाकार करके दखे कि उसमे क्या सिद्धान्त छिपा हुआ है ? वे सख्याएं निम्नलिखित है ।
१x१x१x१४१ =१ २x२x२x२x२ =३२ ३४३४३४३४३ =२४३ ४४४४४४४४४ -१०२४ । ५४५४५४५४५ =३१२५ ६x६.४६४६४६ -७७७६ ७४७४७४७४७ =१६८०७ ८xcxcxcxc = ३२७६९
९४९४९४९४९ =५९०४९ १०x१०४ १०x१०x१० =१०००००
इतने गुणाकारो का निरीक्षण यह व्यक्त करता है कि जो अ क गुणाकार के मूल मे आता है वही अङ्क इसका मूल होता है, परन्तु ११.२१ ३१-१२ २२-३२ आदि मे अन्त का अक १-२ होने पर भी पूर्व का अ क पृथक-पृथक् होता है, इसलिए पूर्व के अको का निर्णय करने के लिए कोई दूसरा तरीका खोजना चाहिए। उसके लिए निम्नोक्त सख्या देखो
११४११४११X११४११ = १६१०५१ (छह अक) १२४१२४१२४१२४१२ =२४८८३२ १३४१३४१३४१३४१३ = ३९६६४३ १४४१४४१४४१४४१४ =५१७८२४ १५४१५X१५X१५४१५ =७५९३७५ १६४१६४१६४१६४१६ 1 = १०४८५७६ (सात अक) १७X१७X१७X१७X१७ =१२२०९५७ १८X१८४१८४१८४१८ -१८८९५६८ १९X१९X१९४१९X१९ =२४७६१९ ९