________________
१२६ १ स्मरण कला
कोई भी कुशल निरीक्षक इन तीन यन्त्रों का निरीक्षण कर एक बात तुरन्त समझ सकेगा कि जितनी संख्या का यन्त्र है, उसका तीसरा भाग बराबर मध्यम मे निक्षिप्त है और उसके आस-पास (बगल) की स ख्या मे दो कम और दो अधिक वाली स ख्या है । जैसे कि- . .
[१५] [२७] [४५] ३ ५७ ७९११
१३ १५ १७ ऊपर से प्रथम और तीसरी पक्ति में भी कोई युक्ति-पूर्ण स योजन होना चाहिये । ऐसा अनुमान होता है और गहराई से तपास करते हुए उसमे भी ऐसा ही सयोजन ज्ञात होता है कि पहली स ख्या मध्यम सख्या से तीन अधिक दूसरी -स ख्या चार कम और तीसरी स ख्या एक ज्यादा होती है। जैसे कि[१५] [२७]
[४५] ८१ ६
१२५ १० १० ११ १६
तथा अन्तिम पक्ति मे एक कम चार अधिक और तीन क्रम स ख्या होती है। .१५ २७
४५
४९२ . ८ १३-६-- - १४ १९ १२
इस सयोजन मे विभक्त - सख्या को मध्यम रखकर बगल मे स ख्या कम वेसी की हुई है जैसे कि
प्र
अ-४
श्र+३
?
अ--२
→अ +-
+२
+-
+k!
इनका पूर्ण समीकरण निम्नोक्त बनता है