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स्मरण कला
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इस दोहे के आधार पर तुम चाहो जितनी बड़ी से बडी स ख्या का यत्र भी बना सकते हो। जैसे कि १५६२४ का यत्र बनाना है, तो पहले इसके तीन भाग करो ५२०८ यह उसका तीसरा भाग है, अर्थात् अ ५२०८ कोने के खानो मे ३ और एक अकित करना है। अर्थात् पहले खाने मे
-
३
+
५२०९
इस प्रकार स ख्या लिखी जायेगी। अब सामने घटती हुई सख्या एक के बाद एक लिखते जागो जैसे कि
५२११ ५२०९
५२०८
५२०७ ५२०५ अब चार खाने खानी रहे, उनमे हरेक की दो-दो स ख्यायें तुम्हारे पास है, उससे घटती संख्या को भी पूरी कर सकोगे। जैसे कि
५२११ ५२०४ ५२०९ ५२०६५२०८ ५२१०
५२०७ ५२१२ ५२०५ अब सोलह खानो के सर्वतोभद्र यत्र का निर्माण करो
[४८] ९ १६ २ ७ १६ २३ २ ७ ६ ३ १३ १२ ६ ३ २० १९ १५ १० ८ १
२२ १७ ८ १ ४ ५ ११ १४
४ ५ १८ २१ इस यत्र का निरीक्षण ( तरीका ) इस प्रकार बताया गया है कि इस यत्र के समुदाय मे किसी मे भी उसके योग की : की अपेक्षा अधिक राख्या नही होती है। दूसरे इसमे हरेक पक्ति मे नव का चोक्क सी वर्गीकरण पृथक-पृथक प्रकार से रायोजित है जैसे कि
(३४४