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स्मरण कला १ १२१
'साँप सोम
(चन्द्र)
सेव
शीशा शाल
(एक धातु) (एक कपड़ा)
हिन्द
६८
हानि (हानि से खिन्न मनुष्य) हार
(गले मे पहनने का गहना) लेंघा
लाज (घूघट) ६५ - लोप
(उल्लघन) लामा । (बौद्ध भिक्षु) ६७ हवा
लाश . ९९ हल . १००
नदी घर (समुद्र) ___ इन चित्रो को तुम्हे चार खण्ड मे विभक्त करना है। जैसे कि प्रथम खण्ड मे १ से २५ तक, दूसरे खण्ड मे २६ से ५०, तीसरे खण्ड में ५१ से, ७५ और चौथे खण्ड मे ७६ से १०० तक और उन प्रत्येक खण्ड के पांच-पाच विभाग बनाकर कल्पना से सयुक्त करें। जिससे याद रखने मे बहुत सरलता होगी। योजना भी सरलता मे खूब सहायता करती है । नीचे के चित्रो से उनका भाव स्पष्ट होगा। खण्ड पहला
खण्ड दूसरा
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