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स्मरण कला १४१
७ आराम के समय में कुछ पढना आवश्यक लगे तो हल्का साहित्य नही पढना चाहिए। उसके लिए अच्छे साप्ताहिक और मासिक पत्र पत्रिकामो को पसन्द करके रखना चाहिए अथवा कथा, वार्ता और उपदेशात्मक अन्य साहित्य का
संग्रह पास में रखना चाहिये । ११. पन्द्रह दिन में एक उपवास करने का नियम रखना चाहिये। यह
उपवास एकदम निराहार होना चाहिए, अगर वैसे न बन सके तो उसमे अल्प फलाहार लेना चाहिए पर पेट भरकर नही खाना चाहिए। उपवास के समय मे प्रार्थना, भक्ति और स्वाध्याय
आदि की तरफ विशेष लक्ष्य रखना जरूरी है। ' १२. तप, जप और ध्यान ये मानसिक शुद्धि के लिए उत्तम प्रकार
के अनुष्ठान है। १३ प्राज्ञ पुरुषो का अनुभव ऐसा है कि
सतताध्ययन वादः परतन्त्रावलोकनम् ।
सद्विद्याचार्य सेवा च बुद्धि-मेधा-करो गण ॥
निरन्तर अध्ययन-अभ्यास, शास्त्र चर्चा, अन्य शास्त्रों का अवलोकन. सद् विद्या को धारणा और गुरुजनो की सेवा
यह बुद्धि तथा मेधा शक्ति को बढाने वाला गुण समूह है। १४ यह चर्या तुम्हारे मार्ग-दर्शन के रूप मे बतलाई है। इसका
अक्षरश: पालन न हो तो उसमे से जितना बन सके उतने विषयो पर आचरण करना, पर साथ मे इतना याद रखना कि सत्त्वशुद्धि के अभाव मे उच्च प्रकार की मानसिक शक्तियाँ उपलब्ध होना अशक्य है।
इनमे से जिन जिन बातो पर अमल करो उनको एक सूची बना लेना और किस किस विषय मे आचरण नही कर पाते हो, उनकी भी एक सूची बना रखना। फिर शान्त चित्त से विचार करना कि उन विषयो मे तुम किस कारण से प्रवेश नहीं कर पाते