________________
९२ ३ स्मरण कला
है। उसी प्रकार फलों का उनमें नारगी-मौसम्बी मे आकार की समानता है और निकटता भी है। बन सके जहाँ तक नारगीमौसंबी आदि वस्तुए” साथ ही बेची जाती है। इसलिए ये सरलता से याद आ जाती है। दाडिम और अमरूद के बीच निकटता का साहचर्य है। आम और चिकू के बीच आकार की समानता है और फलों का विचार करते ही ये फल सामान्यतया याद आ जाते है। वैसे ही आफिस के सामान का। आफिस का सामान कहते ही कुर्सी-टेबुल याद आ जाएगी। उनके साथ खडी-कलम भी याद आ जाएगी और वे याद आये कि कागज तथा चाकू भी याद आ जाएंगे। इस प्रकार वस्तुओ का वर्गीकरण करने से खूब सरलतापूर्वक याद रह सकता है ।
अब अनेक विषयो के ज्ञान का समिलन करना होता है, उन्हे व्यवस्थित प्रकार से सगृहीत रखना होता है, तब उनका वर्गीकरण करके याद रखने पर अच्छी तरह से याद रह सकता है जैसे कि(१) भाषा:-गुजराती, मराठी, हिन्दी, संस्कृत और अ ग्रेजी । (२) इतिहास-गुजरात का इतिहास, भारत का इतिहास, ब्रिटेन
का इतिहास । (३) भूगोल-प्राकृतिक भूगोल, व्यापारी भूगोल, प्राथमिक भूगोल । (४) गणित-अंक गणित, बीज गणित, त्रिकोणमिति । (५) प्रकीर्ण-सगीत, व्यायाम, विज्ञान ।
किसी भी विषय को ग्रहण करते समय यदि उनका सबध वर्ग के साथ बराबर जोडा हुआ हो तो वे सरलता से याद या जाते हैं। जैसे कि २० पशुप्रो को याद करना है, तो मन में एक के वाद एक निम्नोक्त नाम कौधेगे-गाय, भैस, बकरी, भेड, हाथी, घोड़ा, खच्चर, ऊंट, सियाल, खरगोश (शश ), बाघ, सिंह, रीछ, चित्ता, हिरण, रोझ, सूअर, बन्दर, - कुत्ता, और विल्ली परन्तु उस समय टेबुल, दीपक, चमच आदि याद नही पाएंगे कारण कि उनका सबध पशु वर्ग के साथ जुडा हुआ नही है। उसी प्रकार यदि हमे यह कहा जाए कि खुरवाले पशुओ के नाम बोलो तो हम निम्नोक्त पशुप्रो के नाम गिनाएंगे-गाय, भैस, बकरी, भेड़, घोडा, खच्चर, हिरण, रोझ अादि । पर उस समय सिंह, बाघ,