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स्मरण कला ६३
चित्ता, बन्दर, कुत्ता आदि नाम नहीं गिनाएंगे, क्योंकि हमने उनका खुरवाले पशु वर्ग के साथ सबन्ध नहीं जोड रखा है।
__एक ही समान हिस्सेवाली या उतार-चढाव वाली वस्तुप्रो मे क्रमशः सबध किये हुए विषयो मे भी एक प्रकार का वर्ग ही है । इस कारण एक का स्मरण होते ही अवशिष्ट सभी विषयो का स्मरण अपने आप हो जाता है। जैसे कि(१) सात वार-रवि, सोम, मगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि ।
इस वार समुदाय मे से कोई भी याद माए फिर बाकी के समस्त वार क्रमश: 'याद आ जाएंगे। जैसे कि सन् १९५० के फरवरी महीने की प्रथम तारीख को कौन सा वार था? यह याद करने का प्रयत्न करते है। पर याद नही पा रहा है। उस स्थिति मे यह स्मरण होता है । कि सन् १९५० की २६ जनवरी भारत का सार्वभौम प्रभुसता का गणतन्त्र दिवस है, और उस दिन गुरुवार था और शीघ्र ही निम्नोक्त विचार धारा चलती है
२६ जनवरी को गुरुवार २७ . , , शुक्रवार
शनिवार २६ - , , रविवार ३० ,, सोमवार ३१ , , मगलवार
१ फरवरी को बुधवार __इस प्रमाण से हमे दृढ निश्चय हो जाता है कि प्रथम फरवरी को बुधवार था। (२) तिथियां-१ से १५ (पूनम तक)
१ से १५ (अमावस्या तक) (३) महीने~कार्तिक से आश्विन (४) ऋतुएँ-बसन्त, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमन्त और शिशिम ।
इनमे हरेक ऋतु दो-दो महीनो की होती है । (५) घडी-दिन के तीस समान भोग ।