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__ स्मरण कला
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(३) निम्नलिखित शब्द क्रम मे है
अहमदाबाद, आबू, ईडर, ईगतपुरी, उमरेठ, ऊना, एरणपुरा, ऐलाक्ष, प्रोगणाज, औचित्यपुर, अम्बाला ।
वे ही शब्द व्युत्क्रम मे नीचे की तरह अनेक प्रकार के होने सभव है।
प्रावू, उमरेठ, अहमदाबाद, ईगतपुरी, एरणपुरा आदि । एरणपुरा, आबू, अहमदाबाद, अम्बाला, ऐलाक्ष आदि ।
उमरेठ, ईडर, एरणपुरा, भोगणाज, पाबू आदि । (४) नीचे के शब्द भी क्रम मे है।
कसर, काजल, किराया, कोट, कुलीन, केला, कोयला । मगन, मामा, मीठा, मुख्य, मैसूर, मोहन । लक्ष्मी, लाड, लिफ़ाफा, लुकारी, लेखन, लोटा ।
ये शब्द व्युत्क्रम मे नीचे के मुताबिक अनेक प्रकार के बन जाते है।
काजल, मीठा, लक्ष्मी, मगन, कुलीन, मोहन, लोटा, लेखन, मामा, कोयला, मैसूर, लिफाफा, कसर,लाड, केला, किराया आदि ।
अब देखो कि क्रम मे याद रखना कितना सरल है और व्युत्क्रम में याद रखना कितना कठिन है । अ क सख्या लम्बी हो; पर क्रम मे हो तो वह याद रह सकती है। जबकि छोटी होती है पर व्युत्क्रम मे होती है तो उसे याद रखना बहुत मुश्किल होता है। शब्द अधिक हो पर क्रम मे हो तो सरलता से याद रह सकते है। जबकि व्युत्क्रम मे थोडे होते है तब भी बड़ी मुश्किल होती है । इस लिए जिन वस्तुओ को याद रखने की जरूरत हो उन्हे क्रम मे ही सीखना चाहिए जैसे कि
वार, महीना, वजन का माप, अन्तर का माप, वार को याद रखने के लिए निम्नोक्त पद्धति अपनानी चाहिये- ..
रविवार, सोमवार, मगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार और रविवार । यहाँ रविवार सबसे मोटा है, इसलिए रविवार से प्रारम्भ करना उचित लगता है, परन्तु कुछेक ऐसा समझते है कि सोमवार से कार्य की शुरूआत होनी चाहिए इसलिए