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पत्र बीसवीं
अंक चित्र (१ से ३० तक)
प्रिय बन्धु !
तुम्हारा पत्र मिला । तुमने इस दिशा में प्रयास किया है-- यह जानकर आनन्द हुआ। इस पत्र मे मै तुम्हे अंक-चित्रों के विषय मे कहना चाहता हूँ। तुम एक बार ३० चित्र मन मे बना लो, तो फिर चाहे जैसे व्युत्क्रम मे लिखी सख्याये भी याद रख सकोगे। बाद में सख्या ३० अक की ६० अक की या ९० अंक की हो तो कोई अडचन नही। इसलिये पहले १, २, ३, ४, ५ आदि की ३० तक की संख्या के चित्र बनाओ। ये चित्र "नारी गज प्रेम वश हिंदे" के सिद्धान्त पर ही बनायो। इस सिद्धान्त के आधार पर चित्र बनाने से वे स्वभाविक रीति से ही याद रह जायेंगे ।
इस चित्र रचना मे अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, अ तथा य शब्द रचना मे सहायता प्राप्ति के लिए ही प्रयुक्त किये जाय, इसलिए उनकी अक मे कोई भी कीमत न समझी जाए। 'ह' और 'ल' साथ होने से ल' को ९ के स्थान मे उपयोग करना चाहिये। अब जो चित्र बनाएं वे ऐसे होने चाहिये कि कल्पना मे बराबर मा सके।
क्रम नियम से बने नाम, कल्पना मे रखने के चित्र १ अन्न
धान्य का ढेर २ प्रारी
बडी करोत ३. आग
आग की लपटें ४. अज (बकरा)
बकरा ५ अप (पानी)
पानी का प्रवाह ६ ग्राम
आम का वृक्ष