________________
स्मरण कलाई८१
४६-४७ धनुष किसके यहां पड़ा है ? 'जमीदार' के यहाँ । ४७-४८ ये जमीदार कहाँ के है ? 'सौराष्ट्र' के । ४८-४६ सौराष्ट्र मे अधिकता से क्या मिलती है ? 'सज्जनता'। ४६-५० सज्जनता किससे आती है ? 'विद्या' से। .,
अब पहले शब्द से क्रमशः विचार करो, इस क्रम से एक शब्द याद आता चला जायेगा और इस प्रकार पूरे के पूरे पचास याद आ जाएंगे। कुछ दिनों के अभ्यास से ही तुम इस रीति से ५०० जितने शब्द याद रख सकोगे।
तुम्हें संभवतः यह महसूस होगा कि यह बात तो जल्दी संबध बन सके, उन शब्दों की हुई। पर मुश्किल शब्दो का या जिन शब्दों का एक दूसरे के बीच सम्बन्ध न जोडा जा सके उन शब्दो का क्या हो? परन्तु यह विचार भूल भरा है । कल्पना बराबर उत्तेजित हो तो चाहे जैसे शब्द जोडे जा सकते हैं ।
अ-कौग्रा, डाक, हिमालय, अमेरिका, दालभात, गीताजी।
इन शब्दों को नीचे के क्रम से जोड़ा जा सकता है। १-२ कौआ डाक की पेटी पर बैठा है। २-३ डाक हिमालय के आश्रम की है। ३-४ हिमालय में अमेरिका की एक पर्वतारोहक मण्डली खोज के
लिए आई है। ४-५ अमेरिका वालों की खुराक पृथक् प्रकार की होने पर भी
यहाँ आने के बाद दालभात खाने लगे है । ५-६ दालभात की खुराक खाते गीताजी पढने की इच्छा हुई।
इन सम्बन्धो की कल्पना करते समय उस प्रकार के चित्र मन मे खडे करने से न चूके। चित्रो के निर्माण मे सभव और असभव दोनो प्रकार की कल्पनाएं उपयोगी हो सकती है।
मर-कबूतर, आईसक्रीम, महासभा, रीछ, ग्राम, विद्यापीठ ६-७ गीताजी की छोटी प्रति कबूतर गर्दन मे बाँधकर लडाई मे
ले जा रहा है। ७-८ सिपाही लोग कबूतर को आईस्क्रीम खिलाते हैं । ८-६ आईस्क्रीम का प्रबन्ध महासभा की ओर से हुआ है।