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स्मरण कला ३ ३९
६ स्मृति साधकों के लिए गरिष्ठ मिष्ठान्न हितावह नही है। वैसे
ही ठूस-ठूस कर खाना भी नुकसान करने वाला है । साधारणतया भूख की अपेक्षा कुछ कम खाना हर प्रकार से लाभप्रद है। रात्रि मे देर से खाकर शीघ्र सोने की आदत अनेक रोगो को उत्पन्न करती है। खासकर यह कुटेव मानसिक जडता पैदा करती है । सन्ध्याकालीन भोजन और निद्रा के बीच तीन घण्टा
का अन्तर रहना अभीष्ट है । ७ शयन से पहले हाथ-पग और मुंह धो लेना चाहिए। उस समय
कुल्ला करके मुह को एकदम साफ कर लेना चाहिए, जिससे
दात आदि मे कोई कचरा न रहे। ८ वीर्य शरीर का राजा गिना जाता है। बल, बुद्धि, कान्ति तथा
स्मृति का आधार उसी पर निर्भर है। इसलिए जिसने वीर्य का सचय उत्तम प्रकार से किया है वह बलवान्, बुद्धिमान्, कान्तिमान् और तीन स्मृति वाला बन जाता है। उसके लिए भीष्म पितामह, अरिष्ट नेमि, वीर हनुमान आदि के उदाहरण आदर्शरूप है। दुनिया के सबसे महान् गणितवेत्ता सर आइजेक न्यूटन और महान् तत्वज्ञानी काट दीर्घायु बने उसका कारण उनका ब्रह्मचर्य पालन ही था। 'हर्बर्ट स्पेन्सर' और 'स्विडन वर्ग' जैसे समर्थ विद्वान् भी आजीवन ब्रह्मचारी थे।
हस्तदोष और अति समागम वीर्य को सम्पूर्ण तरह से नष्ट करने वाले है। उनसे धारणा और स्मृति का बल जल्दी ही क्षीण हो जाता है।
___ गृहस्थो के लिए स्वदारासन्तोष अर्थात् अपनी स्त्री से सन्तोष यह ब्रह्मचर्य के तुल्य है। इसके लिए परस्पर का स्नेह आवश्यक है। जिसका मन समग्र समय तीव्र मोहासक्त विचारयुक्त अथवा आवेश भरे विचारो के अन्तर्द्वन्द्व मे रहता है। वह शीघ्र ही थक जाता है और उसकी शक्ति मन्द पड़ने लगती है। यदि ऐसा अत्याचार अधिक समय चाल रहे तो उसमे से मन की