________________
स्मरण कला
४७
कवि, चित्रकार और शिल्पकार वस्तु को बहुत सूक्ष्मता से देख सकते हैं, क्योकि उन्हे इस प्रकार से निरीक्षण करने की दृष्टि उपलब्ध होती है और शीघ्रता तो अभ्यास का ही परिणाम है ।
एक वस्तु को बारीकी से देखना, उसे अवलोकन या निरीक्षण कहा जाता है। ऐसा निरीक्षण वस्तु को याद रखने के लिए खूब सहायक साबित होता है । एक वृक्ष को तुम सामान्य रीति से देखो और निरीक्षण पूर्वक देखो उसमे कितना अधिक अन्तर होता है ? प्रथम में तुम्हे उसका सामान्य अथवा अस्पष्ट ज्ञान होता है जो कि स्वल्प समय में ही विस्मृत होना सम्भव है; जबकि दूसरे प्रकार मे तुम्हे उसका विशेष अथवा विशद ज्ञान होता है, जिसे दीर्घ समय तक भूलने की सम्भावना नही । परन्तु हमे इस तरह की आदत डालने का प्रयत्न अवश्य करना चाहिए। निम्नांकित कुछेक प्रश्नों का उत्तर देने का प्रयास करो, जिससे सही परिस्थिति समझी जा सके१ कबूतर के सिर से लेकर पैरो तक का कौनसा रंग किस क्रम । से आया है ?' २. भैस और पाडे के सिर मे क्या फर्क होता है ? .. ३. तुम्हारे दोनो कान कितने लम्बे है ? वे दोनो एक समान है
या लम्बे छोटे ? यदि लम्बे छोटे हैं तो कौनसा लम्बा है और
कौनसा छोटा है ? ४. तुम जिस कुर्सी का उपयोग करते हो, उसके पाये किस प्रकार
के हैं ? कितने लम्बे है ? ५. तुम्हारे कमरे मे कुल कितने चित्र लेटकाए हुए हैं ? - ६. तुमने जिसे हाथ पर बाध रखा है, उस कलाई घड़ी मे किस
प्रकार के अक लगाये गए है ? ७. चालू फुलस्केप कागज कितना लम्बा होता है ? ___८. तोरई (तुरई) के कितनी धाराएं होती हैं ? उनमे कोई क्रम
या नियम भी होता है ? ६. पीपल वृक्ष का पान लम्बा होता है या उसका अग्र भाग ?