Book Title: Panchsangraha Part 02
Author(s): Chandrashi Mahattar, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Raghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur
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( ३१ ) लोक की घनाकार समचतुरस्र-समीकरणविधि दिगम्बरसाहित्य में निर्देशित स्थावर-त्रसजीवों की संख्या का प्रमाण नारक एवं चतुर्विध देव संख्या निरूपक गोम्मटसारजीवकांडगत पाठ दिशापेक्षा नारकों का अल्पबहुत्व प्रज्ञापनासूत्रगत महादंडक का पाठ उत्तरवैक्रिपशरीरी पंचेन्द्रिय तिर्यंच संख्या परिमाण ज्ञापक प्रज्ञापना सूत्रगत पाठ मनुष्यों की उत्कृष्ट संख्याविषयक अनुयोग द्वारणि का पाठ दिगम्बरसाहित्यगत पुद्गलपरावर्तनों की व्याख्या प्रज्ञापनासूत्रगत काय स्थिति संबन्धी पाठांश अनेक जीवापेक्षा अन्तरकाल संम्बन्धी प्रज्ञापनासूत्र का आवश्यक पाठांश क्षुल्लकभव का प्रमाण गाथा-अकाराद्यनुक्रमणिका
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