________________
विषय-सूची
पृष्ठ
२२६
विषय
पृष्ठ अनुकृष्टि
२११ तीव्रमन्दता
२११-२१२ जीवसमुदाहार
२१२ जीवोंके दो भेद
२१२ सातबन्धक जीवोंके तीन भेद २१२ असातबन्धक जीवोंके तीन भेद २१२ उक्त जीवोंकी स्थितिबन्ध व्यवस्था
२१२-२१३ इनकी प्ररूपणा सम्बन्धी दो
अनुयोगद्वार प्रतिज्ञा २१३ अनन्तरोपनिधा
२१३-२१४ परम्परोपनिधा
२१५-२१६ साता और असाताके अना
कार और साकार प्रायोग्य स्थान
२१६ यवमध्यमें अल्पबहुत्व २१६-२१७ पूर्वोक्त अर्थपदके अनुसार
सातबन्धक और असातबन्धक जीवोंका अल्पबहुत्व
२१८ उत्तर प्रकृति स्थितिबन्ध २२१-४३६ उत्तर प्रकृति स्थितिबन्धके
चार अनुयोगद्वार २२१-२३० १ स्थितिबंधस्थान प्ररूपणा २२१-२२८ स्थितिबन्ध स्थान
२२१-२२३ संक्लेशविशुद्धिस्थान २२३-२२४ अल्पबहुत्व
। २२४-२२८ २ निषेक प्ररूपणा' २२८-२२९ निषेक प्ररूपणाके दो अनु
योगद्वार
विषय अनन्तरोपनिधा
२२८ परम्परोपनिधा आबाधाकाण्डकप्ररूपरणा २२६ अल्पबहुत्वप्ररूपणा
२३० उत्तर प्रकृति स्थितिबन्धके २४ आदि शेष अनुयोगद्वारोंकी सूचना
२३१ २४ अनुयोगद्वार १ अद्धाच्छेद
२३१-२५२ अद्धाच्छेदके दो भेद
२३१ उत्कृष्ट अद्धाच्छेद
२३१-२४२ जघन्य अद्धाच्छेद
२४२-२५२ २-३ सर्व-नोसर्वबन्ध २५२-२५३ ४.५ उत्कृष्ट-अनुत्कृष्टबन्ध
२५३ ६-७ जघन्य-अजघन्यबन्ध २५३ ११ सादि-अनादि-ध्रुवअधुवबन्ध
२५४ १२ स्वामित्व प्ररूपणा २५५-३१३ स्वामित्वके दो भेद
૨૫૫ उत्कृष्ट स्वामित्व
२५५-२८५ जघन्य स्वामित्व
२८५-३१३ २३ बन्धकाल प्ररूपणा ३१४-३६५
बन्धकालके दो भेद उत्कृष्ट बन्धकाल
३१४-३४३ जघन्य बन्धकाल
३४४-३६५ १४ अन्तरकाल प्ररूपणा ३६५-४३९ अन्तरके दो भेद
३६५ उत्कृष्ट अन्तरकाल
३६५-३६६ जघन्य अन्तरकाल ४००-४३६
२२८
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org