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लाभ है। हमे स्थान मिल जाता है और विद्यार्थियो को स्वत ही देश के महान् सत के सम्पर्क तथा सदुपदेश का अवसर मिल जाता है। आज भी कुरावली में नार्मल स्कूल मे ही ठहरे थे। वहा पचास के करीव भावी अध्यापको ने भाचार्य श्री के प्रवचन से लाभ उठाकर अनेकविध प्रतिज्ञाएं की। रात्रि मे साधक अवसानसिंहजी से अनेकान्तवाद, स्याद्वाद प्रादि दार्शनिक तत्त्वो पर चर्चा हुई। उनकी पुत्री केशर वहन भी यहां अध्यापन कराती है। उसने भी अणुव्रत के सम्बन्ध मे अनेक प्रश्न पूछे । केशर बह्न एक शिक्षित बहन है । तथा उसका आजीवन ब्रह्मचर्य पालन करने का सकल्प है । उसने अणुव्रत के सारे नियम देखकर उनका पालन करने का सकल्प किया।