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__ रोहतक से मदिणा, महम, मुढाल तथा गढी होते हुए आचार्यश्री हासी पधारे। हासी हरियाणे के प्रमुख शहरो मे से एक है । अत यहाँ दस हजार व्यक्तियो के वृहद् जुलूस के साथ आचार्यश्री ने नगर-प्रवेश किया। जुलूस करीब एक मील लम्बा हो गया था। क्योकि शहर के लोगो के साथ-साथ पजाब के अधिकाश तेरापथी भाई भी इस अवसर पर उपस्थित थे । एक प्रकार से यह महोत्सव केवल हासी का ही नही अपितु सारे पंजाब का ही महोत्सव था । अत. सभी लोग बडे उत्साह के साथ यहा आचार्यश्री का स्वागत करने के लिए उपस्थित हुए थे । पजाब के कुछ प्रमुख लोगों ने जब मुख्यमत्री श्री प्रतापसिंह कैरो को आचार्यश्री के पजाब आगमन का परिचय दिया तो उन्होंने कहा-मैं भी उस अवसर पर हासी मे उपस्थित होकर बडा प्रसन्न होता, किन्तु मेरे सामने भनेक कठिनाइया है । अतः मैं तो वहा नही जा सकूगा पर अपने एक प्रमुख सहयोगी तथा पजाब के खाद्यमंत्री श्री मोहनलालजी शर्मा को अवश्य ही आचार्यश्री का स्वागत करने के लिए हासी जाने को कहूगा। तदनुसार श्री मोहनलाल शर्मा यहा आचार्यश्री का स्वागत करने के लिए उपस्थित हुए थे। वे स्वागत करने के लिए कुछ दूर तक आचार्यश्री के सामने भी आए थे । पर पजाबी लोगो की अक्खडता के कारण उन्हे भीड़ में काफी धक्के सहने पडे । उन्हें इस बात का बड़ा आश्चर्य हुआ कि एक सत का स्वागत करने के लिए लोग कितनी उमगो से उमडे आ रहे हैं।
यहा प्रमुख सार्वजनिक कार्यकर्ता कुमार जसवतसिंह तथा चौधरी,