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लग जाय तो फिर उनके जीवन मे दूसरों से क्या विशेषता हुई ? आज भी एक अणुव्रती के राजनैतिक पक्ष को लेकर कुछ बाते मेरे सामने आईं। हालाकि अणुव्रत-आन्दोलन की यह कोई नीति नहीं है कि कोई अणुनती राजनीति मे भाग नही ले। पर दलगत राजनीति मे अणुवती भी फस जाय तो सुधार की आशा कहा से की जा सकती है ? मैं राजनीति का खिलाडी नही हू अतः उसके दाव पेचो से भी अपरिचित ही हू। पर दल जहा दलदल का रूप ले लेते हैं वहा अणुव्रती को उससे वचना ही अच्छा रहता है । इसीलिए केन्द्रिय अणुव्रत समिति के पदस्थ लोगो ने तो यह प्रतिज्ञा ही कर ली कि पाच वर्षों तक सक्रिय राजनीति मे भाग नहीं लेंगे। ___ अणुवतियों को भी दूसरो की आलोचना से डरना नही चाहिए । हालाकि जानबूझ कर आलोचना का अवसर देना तो अच्छा नहीं है । पर अपने मार्ग पर चलते हुए भी यदि कोई आलोचना करता है तो उससे डरने की आवश्यकता नहीं है । बहुत से लोग मेरे पास अणुन्नतियो की शिकायते लेकर आते हैं। कहते हैं-हम अणुव्रत-आन्दोलन की प्रगति चाहते है इसलिए अगुवतियो की त्रुटियो पर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहते है । पर मैं जानता हूं कि उनमे से कितने लोगों का दृष्टिकोण शुद्ध होता है । अनेक लोग तो अपना स्वार्थ नही सधने पर या ईर्ष्यावश ही पर-दोष-दर्शन की ओर अग्रसर होते है। फिर भी सही आलोचना को मैं महत्व देता हू और उसके लिए मैं हमेशा जागृत भी रहता है ।
मैंने आज जो कुछ कहा है वह किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं कहा है । व्यक्ति तो केवल निमित मात्र होता है । वस्तुत तो वह अणुव्रतआन्दोलन की नीति का ही स्पष्टीकरण है । नीति एक व्यक्ति के लिए नहीं होती। वह तो अशेप लोगो के लिए ही होती है। किसी एक माध्यम से स्पप्ट होकर वह सव लोगो के लिए विज्ञात हो जाती है ।