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क्या त्याग करोगे ? पहला व्यक्ति बोल पडा-स्वामीजी इसे भाग पीने का त्याग करवाइये। वह कुछ हिचकिचाने लगा तो आचार्यश्री (ने कहा-अब पीछे क्यो हटते हो इसने तुम्हारी बात मान ली है तो तुम्हे भी इसकी वात को रखना ही पड़ेगा और उसी क्षण उसने भी आजीवन भाग नही पीने की प्रतिज्ञा कर ली। उससे पहले एक सतो का भाषण तो हो चुका था । अत अब जैसे त्याग का प्रवाह खुल गया अनेक लोगो ने अनेक प्रकार के त्याग-प्रत्याख्यान किये।