Book Title: Jan Jan ke Bich Acharya Shri Tulsi Part 02
Author(s): Hansraj Baccharaj Nahta
Publisher: Meghraj Sanchiyalal Nahta

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Page 206
________________ १६८ लिए आये थे। उस बहन से भी हमारी अनेक विषयो पर बातें हुई थी। हमने पाया वह अशिक्षित अवश्य थी पर असमझ नहीं थी। हम वहां जितनी देर ठहरे उसने हमारा बडा स्वागत किया। अत में थोड़ी देर के निवास से जो हमारे मन पर प्रभाव पडा वह यह था कि ये लोग अपने । आप मे दबे हुए है उन्हे उन्नति की ओर अग्रसर करने के लिए बहुत बड़े क्रान्तिकारी कदम की आवश्यकता है।

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