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१२६ प्राचार्यश्री से पजाव मे अधिकाधिक साधु-साध्वियो को भेजने का निवेदन किया। ___ थोड़े वर्षों पहले हम लोगो का पंजाव से बहुत ही कम सम्पर्क था। पर इन वर्षों मे आचार्यश्री तथा साधु-साध्वियो के अथक परिश्रम ने पंजाब के अनेक लोगो को सदाचार और सदर्शन की ओर आकृष्ट किया है। फिलौर में कभी चातुर्मास नही हुआ था इस बार मुनिश्री डूंगरमलजी के प्रयास से वहां अच्छा उपकार हुआ। तथा अनेक व्यक्ति सुलभ बोधि वने । इसी प्रकार मुनिश्री धनराजजी ने वहा काफी उपकार किया था। आचार्यश्री साधुओ के इस विरल प्रयास से बहुत प्रसन्न नजर आ रहे थे।