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भावना का सचार हुआ हैं इसका अधिक श्रेय राजधानी को ही है । हमने जो कार्य किया वह किसी पर उपकार नही किया है अपितु अपना कर्तव्य निभाया है। उसी प्रकार दूसरे लोग इस प्रकार के कार्यो मे सहयोग देकर विभिन्न वर्गो के नैतिक स्तर को समुन्नत बनाएंगे ऐसी मैं आशा
करता हू ।
श्राज का कार्यक्रम बडा ही रोचक एव व्यवस्थित रहा। सभी लोगों को उससे अनेकविध प्रेरणाए मिली । रात्रि को श्राचार्यश्री ने लाइब्रेरी हाल मे ही शयन किया ।