________________
११२
प्रातः साढे सात बजे कठौतिया भवन मे नेपाल के प्रधानमत्री श्री विश्वेश्वर प्रसाद कोइराला ने आचार्यश्री के दर्शन किये। आचार्यश्री ने उन्हे अणुव्रत-आन्दोलन की विविध गतिविधियो से परिचित कराया तथा द्विशताब्दी समारोह की पूर्ण जानकारी दी। श्री कोइराला ने अणुव्रतआन्दोलन को जनता के लिए अत्यधिक उपयोगी बताते हुए हादिक प्रसन्नता व्यक्त की।