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इन्सान ही ईश्वर बन सकता है ? ___ यह कविता हमारे कविवर्य नानचंद जी महाराज ने लिखी है जो कि संत शिष्य के नाम से लिखा करते थे । वे कहते हैं—“भाइयो ! मैं बहुत पहले ही आपको यह बताए दे रहा हूं कि बरसात आने से पहले ही पाल बांध लो। यानी मौत आने से पहले ही मौत से सदा के लिए बचने का प्रयत्न कर लो। अन्यथा जिस समय मृत्यु समक्ष होगी, उस समय फिर कुछ भी संभव नहीं होगा । जीवन प्रतिक्षण ह्रास को प्राप्त होता जा रहा है अतः दान, पुण्य', परोपकार, सेवा, त्याग, तपस्या आदि धर्म की जितनी भी आराधना हो सके शीघ्र करलो ताकि अंत में पश्चात्ताप न करना पड़े।
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