________________
२६०
आनन्द-प्रवचन भाग - ४
आपको उस मार्ग पर चलाना । आप जानते ही हैं कि कहीं भी जाने वाले मार्ग पर विश्वास रखना और उस मार्ग की पहचान हो जाना ही काफी नहीं होता । सबसे जरूरी होता है उस मार्ग पर चलना । यही हाल मोक्ष मार्ग का है । इस पर श्रद्धा रखना और इसका ज्ञान होना ही मुमुक्षु के लिए काफी नहीं है । उसके लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण है इस मार्ग पर चलना । और चलने का दूसरा नाम ही चारित्र है ।
आशा है चारित्र के महत्व को पूर्णतया हृदयंगम करते हुए आप अपने जीवन को दृढ एवं शुद्ध चारित्र से अलंकृत करेंगे तथा अपनी मंजिल के समीप पहुंचने का प्रयत्न करेंगे ।
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org