Book Title: Yatindravihar Digdarshan Part 01
Author(s): Yatindravijay
Publisher: Saudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
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________________ (50) है / यहाँ श्वेताम्बरजैनों के 6 धर, एक उपासरा और एक घर-मन्दिर जिसमें भगवान् श्रीवासुपूज्यस्वामी की भव्य मूर्ति बिराजमान है / यहाँ एक मुसलमानों की स्कूल भी है। 13 डाकौर. गुजरातदेश के खेडा जिले में यह एक छोटा कसबा है और वैष्णवों के प्रसिद्ध तीर्थों में से एक है / यहाँ रणछोडजी का मन्दिर देखने लायक है / इसके अलावा त्रिविक्रम का मंदिर, अस्पताल, और पोष्ट ऑफिस है / प्रति महिने में यहाँ बहुत से यात्री आते हैं और कार्तिक पूनम का मेला भी होता है जिसमें दस हजार यात्री तक एकत्रित होते हैं। यहाँ पक्की सडक और रेल्वे स्टेशन भी है। गाँव में बडी बडी छः धर्मशालाएँ हैं जिनमें यात्रीलोगों के उतरने और गोदडा-बरतन का अच्छा प्रबन्ध है / 14 उमरेठ___यह एक छोटा कसबा और रेल्वे का स्टेशन है। आनंदजंक्सन से पूर्व कुछ उत्तर 14 मील के फासले यह कसबा हैं। यहाँ श्वेताम्बरजैनों के पूर्ण भक्तिवाले और धर्मजिज्ञासु पांच घर हैं और एक ऋषभदेवस्वामी का छोटा मन्दिर तथा उपासरा है। गाँव में सरकारी एक धर्मशाला (सराय) 15 भालेज-- यहाँ श्वेताम्बरजैनों के धर्मपिपासु 12 घर और श्रीशा