Book Title: Yatindravihar Digdarshan Part 01
Author(s): Yatindravijay
Publisher: Saudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
View full book text
________________ (80) की मसजिद, अपरकोट, उसमें नूरीशाह का मकबरा, चक्करदार बावड़ी और बाबा प्यारा की गुफा देखने लायक हैं। इस राज्य का एक भाग गिर कहलाता है, इसमें सघन वृक्षों का जंगल और पहाड़ियाँ हैं। __यहाँ पर श्वेताम्बर जैनों के 125 घर, स्थानकवासी जैनों के 125 घर, दो बड़ी धर्मशाला, दो उपासरा और दो शिखरबद्ध जिनमन्दिर हैं / सब से बड़े और भव्य मन्दिर में मूलनायक भगवान् श्रीनेमनाथ स्वामी की परिकर-सहित श्यामरंग की अतिप्राचीन मनोहर मूर्ति बिराजमान है। दूसरे मन्दिर में श्रीआदिनाथ भगवान की सफेदरंग की भव्य मूर्ति स्थापित है। यहाँ जनस्वयंसेवकमंडल, जैनपाठशाला, स्त्रीउद्योगशाला, लायबेरी, और पुस्तकालय भी है / 56 गिरनारतीर्थ___ जूनागढ़ से पूर्व गिरनार पहाड़ियाँ स्थित हैं जिनमें गिर. नार-पहाड़ी 3605 फीट, योगिनिया-पहाड़ी 2527 फीट, बेंसला-पहाड़ी 2260 फीट और दत्तात्रयी ( वरदत्त ) पहाड़ी 2780 फीट समुद्र के जल से ऊंची है / इनके अलावा लक्ष्मगटेकरी आदि भी छोटी छोटी पहाड़ियाँ हैं। जूनागढ़ से 10 मील पूर्व 21 अंश, 30 कला उत्तर अक्षांश और 70 अंश, 42 कला पूर्व देशान्तर में पवित्र गिरनार पहाड़ी है और जूनागढ़ से 4 मील दूर गिरनार-तलेटी है / रास्ते में वागेश्वरी फाटक होकर पत्थर का पुल, चट्टानों पर खुदे हुए जूने शिलालेख, सोनारोखा ( स्वर्णरेखा) नदी, अनेक जैनेतर-मन्दिए