Book Title: Yatindravihar Digdarshan Part 01
Author(s): Yatindravijay
Publisher: Saudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
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________________ (79) बसाया / सोलहवीं सदी में अकबर के राज्य के समय यह दिल्ली के अधिकार में हुआ और गुजरात के खुबेदार के अधीन रक्खा गया / जब गुजरात से मुगलों का अधिकार उठ गया, तब सन् 1735 मे शेरखां बांबी नामक एक सिपाहीने मुगलों के गवर्नर को निकाल कर अपना अधिकार कर लिया / शेरखां के पुत्र सलावतखांने अपने वारिश पुत्र को यहाँ का नव्वाब बनाया और छोटे पुत्रों को जागीर दे दी / तभी से यहाँ नव्वाबी राज्य हुआ, जो अब तक विद्यमान है / मणिपुर, चन्द्रकेतुपुर, रैवत, जीर्णदुर्ग और मुस्तफाबाद; ये प्राचीन नाम इसी जूनागढ़ के समझना चाहिये। ___इसके पूर्व-दक्षिण गिरनार पहाड़ियाँ और पश्चिम रेल्वे लाईन है / रेल्वे के पास शहर के पश्चिम का फाटक और दक्षिण-पूर्व गिर का मेदान है / यहाँ कई मकबरे, मस्जिदें, देवालय, धर्मशाला, सदावर्त, और स्कूलें तथा एक अस्पताल और जेलखाना है / शहर के उत्तरी भागमें दूसरे बहादुरखां दूसरे हमीदखां और लाडलीबू नामक स्त्री इन तीनों के मकबरे बने हुए हैं। शहर के उत्तरवाले फाटक से 3 मील दूर बजीरसाहब का सांकरबारा नामका उद्यान है, जिस में दो मंजिले बंगला के बगलों में पानी से पूर्ण एक नाला है / उससे 50 गज के अ. न्तर पर एक जन्तुशाला में नाना जाति के जन्तु घिरे हुए हैं। सांकरबाग से दक्षिण सरदारबारा है / जिसमें गिर के जंगलों से लाकर अनेक सिंह सिंहनी घेरी हुई हैं। इसके अलावा यहाँ जमियालशाह का स्थान, महबतखां का मकबरा, नव्वाब साहब