Book Title: Yatindravihar Digdarshan Part 01
Author(s): Yatindravijay
Publisher: Saudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
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________________ ( 251) दूधवा--- ___ यह गाँव थराद से 4 कोश पश्चिम और इसके तालुकदार थराद के देशाई हैं जो जैन महाजन हैं / यहाँ श्रीमाली श्वेताम्बर जैनों के साधारण स्थितिवाले 20 घर हैं, जो विवेकी, भावुक और श्रद्धालु हैं / गाँव में जैनों की इतनी वस्ती होने पर भी जिनालय और उपासरा नहीं है। साधुओं को गृहस्थों के घरों में ही उतरना पडता है। यहाँ के प्रांजणा जाति के कणबी ( पाटीदार ) लोग अच्छे सत्संगी है और जैन साधुओं के भनुरागी हैं। जाणदी-- यहाँ श्वेताम्बर श्रीमाली जैनों के दो घर हैं, जो अच्छे भावुक हैं / इस गाँव का पानी अच्छा नहीं है, यदि एक मर्तबा भी दूसरे गाँव का मनुष्य जल पी लेगा तो उसको एक महिना तक तकलीफ देखना पड़ेगा / यह गाँव थराद से दो कोश पश्चिमोत्तर है / ता. 21-1-29 मुनि-यतीन्द्रविजय। मु० थराद ( उत्तर-गुजरात)