Book Title: Yatindravihar Digdarshan Part 01
Author(s): Yatindravijay
Publisher: Saudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
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________________ ( 250) બકરાં, હરણ, સસલાં વિગેરેને વધ કરશે અને કેઈપણ ધર્મની લાગણીને દુભવશે તે તેના સામે હુકમ તેડયાને ચાર્જ રાખીને તેમજ ધર્મની લાગણી દુખાયા બાબત સખત સજા કરી ગ્ય નશીહત કરવામાં मावश. ता.२-१-२८ ભરેલ તાલુકદાર अट. સહી પીરદાનજી ગજસંગજી. तालुहार-सारात.. गणेशपुरा यह छोटा गाँव है, इसमें श्रीमाली श्वेताम्बर जैनों के 4 घर हैं जो भावुक और अच्छे श्रद्धालु हैं / यहाँ जिन-मन्दिर या उपासरा नहीं है / यह गाँव भोरोल से थराद की तरफ एक कोश पूर्व है। वामी___ यहाँ श्रीमाली श्वेताम्बर जैनों के 6 घर हैं जो साधु साध्वियों के अच्छे भक्त और अनुरागी हैं / गाँव में जिनालय, या उपासरा नहीं है, परन्तुं साधु योग्य स्थान उतरने को मिलता है। यहाँ औदिच्य-ब्राह्मणों के 60 घर हैं जो खेती करते हैं और अच्छे धर्म-प्रेमी हैं। ये लोग जैन साधुओं के व्याख्यान अच्छे प्रेम से सुनते हैं।