Book Title: Yatindravihar Digdarshan Part 01
Author(s): Yatindravijay
Publisher: Saudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
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________________ (112) 100 आबू ( अर्बुदगिरि ) तीर्थ जैनों के प्रसिद्ध तीर्थो में से यह एक है, जो अति पवित्र और पूजनीय माना जाता है। यह सिरोही राज्य में अर्बुदगिरि का, जिसको अर्बली कहते हैं, एक भाग है / यह अर्बली के सिल सिले से श्राबू पहाड एक तंग धाटी द्वारा अलग हो गया है / इसका ऊपरी हिस्सा लंबाई में 12 माइल और चौडाई में 2 से 3 माइल तक है / इसकी अधिक से अधिक ऊंचाई 5650 फीट है, परन्तु ऊपरी समान-भूमि की ऊंचाई 4000 फीट है / इसकी नेव के पास और ढालू बगलों में अनेक प्रकार के सघन वृक्षों की झाडींयाँ हैं जिनमें भालू, चीता, सिंह, आदि अनेक पशु रहते हैं / पहिले इसका चढाव मार्ग कठिन (विकट ) होने से यात्रियों को बडो मुसीबत पडती थी। परन्तु जब से यहाँ अंग्रेजों का सेनिटेरियम नियत हुआ और राजपूताना के एजेंट गवर्नर जनरल साहब का मुख्य निवास स्थान हुआ तब से रास्ते की दुरुस्ती और श्राबूरोड से ऊपर तक 18 मील लंधी पक्की सडक बना दी गई है जिससे आबूरोड से ऊपर तक मोटर, इक्का, गाडी सुगमता से जाती पाती हैं / पहाड के ऊपर रेजीडेन्सी, बंगलें, गिरजाधर, अवधर, मदर्से, अस्पताल, राजाओं, वकीलों और धनाढ्य लोगों के बंगले बन जाने से और स्थान स्थान पर सडके हो जाने से ईसकी मनोहरता बहुत ही बढ गई है। इन्हीं के पास ' नखी-तालाव' नाम की एक झील है जिसको लोग नैनातालाव भी कहने हैं। उसके चारों ओर वृक्ष लगे हुए हैं। हाल में झील के पास अधिक जल रहने के वास्ते पश्चिम किनारे