Book Title: Yatindravihar Digdarshan Part 01
Author(s): Yatindravijay
Publisher: Saudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
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________________ (152) पित है, जिसकी अञ्जनशलाका सं० 1826 में हुई है और ऊपर के भाग में पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमा है, जो सं० 1921 माघसुदि 7 गुरुवार की प्रतिष्ठित है। इस कसबे में सब से पहले यहि मन्दिर बना है, इस से यह जूने मन्दिर के नाम से पहचाना जाता है। ___सातवां मन्दिर कसबे से दक्षिण एक छोटी बगीची में है जिसको लोड़े साजन (दशा ओसवाल ) मूलचन्द गांधीने बनवाया है / इसमें भगवान महावीर की एक फुट बड़ी मूर्ति स्थापित है। ___इस कसबे के पास ही एरनपुर नामक छावनी है, जिसको सं० 1864 में सेना के अफसर मेजर डाउनिंगने अपनी जन्मभूमि के टापू एरन के नाम से बसाई है / यहाँ से एरनपुरा स्टेशन 7 मील पूर्व-दक्षिण है। छावनी और शिवगंज में अंग्रेजी हिन्दी स्कूल भी है और जैनियों के तरफ से जैन-स्कूल है जिसमें धार्मिक और व्यवहारिक अभ्यास कराया जाता है। 133 ऊँदरी ___ एरनपुरारोड़ की सडक के दहिने भाग में यह गाँव बसा हुआ है / यहाँ ओसवाल जैनों के 12 घर, एक छोटी धर्मशाला और उसीके एक कमरे में गृहमन्दिर है, जिसमें छोटी चार जिन प्रतिमाएँ बिराजमान हैं। इससे लगते ही जूना सुमेरपुर है, जिसमें जैनों के पांच घर और एक गृह मन्दिर है। इसमें मूलनायक पार्श्वनाथ भगवान् की छोटी मूर्ति स्थापित है। इसके पास ही नया-सुमेरपुर' है जिसमें जैनों की 30 दुकानें,