Book Title: Yatindravihar Digdarshan Part 01
Author(s): Yatindravijay
Publisher: Saudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
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________________ (226) देखने में नहीं आता, परन्तु ये प्रतिमाएँ प्रायः विक्रम की ग्यार. हवी, या बारहवीं शताब्दी की होनी चाहिये / सबब कि उस ममय प्रतिमाओं के ऊपर लेख लिखने की पद्धती नहीं जैसी थी / ऊपर के लेखों से मानने को कारण मिलता है कि चौदहवीं सदी तक भीमपल्ली में धार्मिक प्रवृत्ति चालु थी, किन्तु उसके बाद भीमपल्ली सदा के लिये शान्त निद्रा में सो गई। 189 नेहडा यहाँ श्रीमालजैनों के 18 घर, एक उपासरा, और एक गुंबजवाला छोटा जिनालय है / जिनालय में श्रीपार्श्वनाथस्वामी की एक फुट बडी सुन्दर प्रतिमा स्थापित है, जो अर्वाचीन है। 160 वात्यम दियोदर थाने के नीचे यह बोटा गाँव है / इस में श्रीमालजैनों के 18 घर हैं जो सभी मोरखिया गोत के गोत्रज भाई हैं / गाँव में एक छोटा शिखरवाला जिनमन्दिर है, जिसमें ऋषमदेवजी की प्राचीन मूर्ति विराजमान है। . . 161 वाहणा यहाँ श्रीमालजैनों के 25 घर हैं और एक कच्चे उप्पपरे में धातु की पंचतीर्थी है। यहाँ के जैन खेनलादि मिध्यात्वीदेवों के उपासक हैं। . ... 192 लुभाणा इसमें श्रीमालाजैनों के 35 घर, और एकही कंपाउंड में