Book Title: Yatindravihar Digdarshan Part 01
Author(s): Yatindravijay
Publisher: Saudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
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________________ (128 ) बनवाया है / इनके अलावा गाँव के बाहर अंबावजी के स्थान पर एक नया तीसरा मन्दिर बना है जो सफेद पाषाण का और शिखरबद्ध है। 114 बलदूट सिरोही स्टेट के इस गाँव में श्वेताम्बर जैनों के 100 घर, एक उपासरा, एक विद्याशाला, एक बडी धर्मशाला और दो जिनमन्दिर हैं / सब से प्राचीन और दर्शनीय मन्दिर भग. वान् श्रीआदिनाथस्वामी का है / दूसरा मन्दिर संघ के तरफ से नया त्रिशिखरी बनाया गया है, जो विशाल, उंचा और सफेद पाषाण का है / इसमें मूलनायक भगवान् श्रीशान्तिनाथ स्वामी की भव्य मूर्ति बिराजमान है। इसकी प्रतिष्ठाञ्जनशलाका संवत् 1964 वैशाखसुदि 3 बुधवार के दिन श्रीमद्धनचन्द्रसूरिजी महाराज के कर-कमलों से हुई है / 115 सवणा___ जोधपुर रियासत के जालोर परगणे का यह छोटा गाँव है, यहाँ पेश्तर श्वेताम्बर जैनों के 50 घर थे, परन्तु अब एक भी नहीं है / यहाँ एक जीर्ण और मूर्ति रहित जिन मन्दिर था। देरुंदर निवासी सेठ कर्पूरचन्द्रजी बभूतमलजीने इसका उद्धार कराके, उसमें मूलनायक भगवान् श्रीवासुपूज्य स्वामी आदि की तीन तियाँ बिराजमान की हैं / इनकी प्रतिष्ठाजनशलाका संवत् 1969 फाल्गुन सुदि 3 भृगुवार के दिन प्राचार्य श्रीविजयधनचन्द्रसूरिजी महाराज के हस्त-कमलों से हुई है / इस मन्दिर की बगल की