Book Title: Yatindravihar Digdarshan Part 01
Author(s): Yatindravijay
Publisher: Saudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
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________________ (101) 88 चाणशूल यहाँ श्वेताम्बर जैनों के 32 घर, दो उपासरा, एक धर्मशाला और एक जिन-मन्दिर है / मन्दिर में श्रीऋषभदेव भगवान् की सुन्दर मूर्ति स्थापित है / यहाँ का जिनमन्दिर छोटा परन्तु बहुत ही अच्छा बना हुआ है जिस में पूजा आदि का अच्छा प्रबन्ध है। 89 डभाड यह एक छोटा कसबा है, इसमें श्वेताम्बर जैनों के 35 घर, दिगम्बर जैनों के 15 घर, दो उपासरा, एक छोटी धर्मशाला, एक श्वेताम्बर जिनमन्दिर है जिसमें श्रीऋषभदेव भगवान् की मूर्ति स्थापित है / यहाँ एक दिगम्बर मन्दिर भी है। 10 तारंगा-तलेटी यहाँ गाँव या बसति नहीं हैं, परन्तु टीन के पत्रों के दो केम्प बने हुए हैं / तारंगाजी की यात्रा के लिये आनेवाले यात्रियोंको यहाँ भाता मिलता है और यात्री यहाँ कुछ विश्राम लेकर तारंगा-पहाड़ी पर चढ़ते हैं। यहीं से तारंगा का चढ़ाव शुरू होता है। कितने एक यात्री अपना सर सामान यहाँ रखते हैं। तारंगा-पेढ़ी के तरफ से यहाँ बन्दोबस्त के वास्ते कुछ नौकर आदमी रहते हैं जो यात्रियों को निर्भयता से पहाड़ पर पहुंचाने के लिये साथ आते जाते हैं। 61 प्राचीनतीर्थ-तारंगा यह जैनों के प्राचीन प्रसिद्ध तीर्थों में से एक है जो सिद्धा