Book Title: Yatindravihar Digdarshan Part 01
Author(s): Yatindravijay
Publisher: Saudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
View full book text
________________ (15) पूर्ण भक्त हैं / यहाँ भी गरमी की मौसिम में पानी की भारी संगीरहती है। 29 बेलावदर यहाँ श्वेताम्बरजैनों के 2 घर और एक छोटी धर्मशाला है। यहाँ की जंगली भूमि पर न घांस है और न झाड, जिधर दृष्टि डालो उधर केवल सपाट खारी जमीन ही नजर आती है / यहाँ पीने के लिये पानी 4 कोश दूर से आता है, पर वह भी नमक से अधिक खारा है। 30 रतनपर यहाँ जैनश्वेताम्बरों के 10 घर और एक छोटा उपासरा है। यहाँ के जैन अच्छे भावुक हैं और धर्माज ज्ञासा रखने वाले हैं। गाँव के बहार कुछ जूने आईगण भी नजर आते हैं। यहाँ के लोग कहते हैं कि पेश्तर वल्लभी नगरी का दरवाजा यहीं था। 31 बला___ यह काठियावाड में तीसरे नम्बर का स्टेट है। इसका - 1 बम्बई हाते के गुजरात प्रदेश के पास पश्चिमी भाग में यह प्रायद्वीप है। इसके उत्तर कच्छ की खाडी और कच्छ का रन, बाद कच्छ देश है। पूर्व साबरमती नदी और कांबे की खाडी बाद गुजरात देश है और दक्षिण व पश्चिम अरब का समुद्र है / इस के दक्षिण-पश्चिम के भागको, जो लगभम 100 मील लम्बा होगा, 'सौराष्ट्र देश' कहते हैं। काठियावाड की सबसे यह पोलिटिकल एजेन्सी के अधीन है / यह एजेन्सी 4 भागों में विभक्त