Book Title: Yatindravihar Digdarshan Part 01
Author(s): Yatindravijay
Publisher: Saudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
View full book text
________________ (53) है जो पचास घर जैसा उत्साह रखनेवाला और नामी है / इस गाँव में विश्राम के लिये महादेव की धर्मशाला सिवाय दूसरा कोई ठिकाना नहीं है। यहाँ से खंभात सीटी 14 कोस दूर है और रास्ते में गलिया', मोरज, आदरुज, बुद्धेज, ये चार छोटे गाँव आते हैं। 22 बटामण . साबरमतिनदी के पश्चिम कांठे पर 3 मील दूर यह गाँव बसा हुआ है / यहाँ श्वेताम्बरजैनों के 10 घर और एक जीर्ण उपासरा है / इसके अलावा स्थानकवासियों के 10 घर और एक सरकारी स्कूल भी है। 23 बोर___इस गाँव में श्वेताम्बरजैनों के 10 घर, उपासरा और धर्मशाला एक है / इसके चारों ओर जंगली सपाट प्रदेश हैं जिसमें खारी के कारण घांस, या वृक्ष बिलकुल नहीं होते / यहाँ का जल भी प्रायः खारा है / 24 बोलाद चारों ओर की खारियों के मध्य में यह गाँव वसा हुआ है / यहाँ श्वेताम्बरजैनों के 6 घर, और एक उपासरा है / इस गाँव के महाजन नाम के जैन और धर्मशून्य हैं और यहाँ के कुओं का भी जल अपेय और खारा है / 25 पीपली. यहाँ श्वेताम्बरजैनों के 7 घर, एक उपासरा और एक