Book Title: Yatindravihar Digdarshan Part 01
Author(s): Yatindravijay
Publisher: Saudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
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________________ (49) है। मंदिर में मूलनायक श्रीपार्श्वनाथजी स्थापित हैं। यहाँ पक्की सडक चारों ओर बनी हुई है और दिन प्रतिदिन यह कसबा तरकी पर है। गवर्मन्ट के तरफसे यहाँ स्कूल नियत है। 10 गोधरा गुजरातदेश के पंचमहल जिले में रेवा-कांठा के पोजटिकल एजेन्सी का सदर स्थान और जिले में सब से बड़ा कसबा है, इसके चारों ओर जंगल है। यहाँ अस्पताल, स्कूल, मातहतजेलखाना और सरकारी कचहरियाँ हैं / कसबे के पास एक बडा तालाब भी है, जिससे खेत पकाये जाते हैं। इस कसबे का दूसरा नाम 'गउमरा भी है। इसको सं० 110 में सोलंकी राजा केशरीसिंह के द्वितीय पुत्र दलकंददेवने वसाया: और उसकी कई पीढीने यहां राज्य किया था / यहाँ श्वेताम्बर, जैनों के 70 घर, दो जिनमंदिर, एक शान्तिनाथ और दूसरा धर्मनाथ का है / एक उपाश्रय, दो धर्मशाला हैं / इनके अलावा वैष्णवों की भी बडी बडी तीन धर्मशालाएँ बनी हुई हैं। 11 टिम्बारोड रतलाम से आनंदजंक्सन को जानेवाली रेल्वे का स्टेशन है, लोगों को विश्वाम लेने के वास्ते यहाँ एक मुसाफर-खाना बना हुआ है। यहाँ स्टेशन पर श्वेताम्बरजैन का एक घर हैं, पर है बडा भक्ति करनेवाला / 12 अंगाडी. यह इसी नामकी स्टेशन से 4 फाग पर बसा हुवा